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आराधना हॉस्पिटल में हुई प्रसूता की मौत, परिजनों ने हॉस्पिटल संचालक और आशा बहू पर लगाए गंभीर आरोप।


उन्नाव:- जनपद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते मानक विहीन अस्पतालों की संख्या बढ़ती जा रही है। सम्बंधित विभाग ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई न करके उनसे सेटिंग करके मोटी रकम वसूल रहा है जिसके चलते मानकविहीन अस्पताल लोगो के लिए कब्रगाह बने हुए है कुछ ऐसा ही एक मामला जनपद से आया है जहाँ पर दिनेश राजपूत पुत्र प्रभु निवासी ग्राम बगाहरी पोस्ट परेंदा ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया हैं कि उसकी पत्नी नीलम को दिनाँक 21/3/2024 को प्रात: 7 बजे प्रसव पीड़ा होने पर गाँव की ही आशा बहू अलकंमा द्वारा नवाबगंज स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहाँ प्रसव होने के बाद अत्यधिक रक्तश्राव होने के कारण सीएचसी द्वारा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में बेहतर इलाज न होने की बात कहकर आशा बहू अलकंमा ने गुमराह करते हुए दिनेश की पत्नी नीलम को अपने परिचित के एक निजी अस्पताल (आराधना हॉस्पिटल) में भर्ती करा दिया।जहाँ पर आशा बहू अलकंमा ने अस्पताल संचालक आदेश तिवारी (आराधना हॉस्पिटल) के साथ मिलकर पत्नी को एक टेबलेट मंगवाकर खिला दिया और इलाज के नाम पर 45 हजार रुपए की माँग की जिसके बाद उसने 45 हजार रुपए हॉस्पिटल संचालक आदेश तिवारी को दे दिए। कुछ देर बाद उसकी पत्नी की हालत गंभीर होने लगी और उसे उल्टियां होने लगी जिसके बाद उसने अस्पताल संचालक आदेश तिवारी और आशा बहू अलकंमा से बात की तो उक्त दोनों लोगों ने उससे कहा कि आधे घंटे के अंदर 25 हजार रूपया और जमा करो तभी तुम्हारी पत्नी का इलाज होगा वर्ना इलाज नहीं होगा। उसने किसी तरह अपने रिश्तेदारों की मदद से 25000 रुपए लेकर अस्पताल प्रबंधन को दिए लेकिन इलाज फिर भी शुरू नहीं हुआ और इस दौरान उसकी पत्नी की हालत बिगड़ती चली गई और आशा बहू अलकंमा और अस्पताल संचालक आदेश तिवारी ने कहा कि तुम्हारी पत्नी का इलाज हम नही करेंगे इसको यहाँ से ले जाओ। पत्नी  की शारीरिक हलचल न होता देख वह गिड़गिड़ाता रहा लेकिन अस्पताल प्रशासन और आशा बहू ने एक न सुनी। वही हॉस्पिटल में मौजूद  महिला राजबाला ने उसको बताया कि तुम्हारी पत्नी का इलाज नहीं हुआ है। इलाज के नाम पर रूपया ऐठने को लेकर आशा बहू अलकंमा और अस्पताल संचालक बात कर रहे थे। पहले  रूपया जमा करा लो  अभी महिला की मौत हो गई है इनको यहाँ से रेफर कर दो जिसके बाद आनन- फानन में पत्नी को रेफर कर दिया। जिसके बाद अस्पताल संचालक और आशा बहू अलकंमा ने कहा कि तुमने पहले रुपए जमा नहीं किया इलाज नहीं हुआ और मुझसे कोई मतलब नहीं तुम्हारी पत्नी को रेफर कर दिया हैं यहाँ से लेकर चले जाओ लेकिन तब तक मेरी पत्नी नीलम की मौत आराधना हॉस्पिटल में हो गई थी।

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